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इंपोर्ट एक्सपोर्ट का काम कैसे शुरु करें? How To Start Import Export Business
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हम अपनी रोजाना की लाइफ में जिन चीजों का इस्तेमाल करते हैं उनमें से ढेर सारी चीजें बाहर के देशों से आयात (Import) होती है और कई चीज़ें बाहर एक्सपोर्ट भी होती है. तेल अनाज, फर्नीचर, मसाले, गाड़ियां, मोबाइल फोन, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और जूते जैसी हजारों चीज़ें हैं जिनका एक्सपोर्ट-इंपोर्ट होता है.
इसी एक्सपोर्ट-इंपोर्ट से देशों की इकोनॉमी चलती है तो ऐसे में अगर आपके आस पास भी कुछ लोग ये बिजनेस कर रहे है और उन्हें देखकर आपने भी एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस शुरु करने की ठान ली है तो उससे पहले आपको इस बिजनेस की पूरी जानकारी होना जरुरी है.
तो इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में बात करने वाले है की ये एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस क्या होता है? इस बिजनेस को शुरु करने के लिए क्या प्रोसेस है? और आखिर में जानेंगे की इस बिजनेस को सफल कैसे बनाएं?
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस क्या होता है?
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस का अर्थ समझने से पहले जानलें की आयात (Import) का अर्थ किसी दुसरे देश से माल मंगवाना और एक्सपोर्ट (Export) का अर्थ आपने देश से किसी दुसरे देश में माल भेजना. यानी की दो देशों के बीच माल या सेवाओं के आदान प्रदान करने को ही एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस कहते है.
भारतीय आयात-निर्यात बाजार की बात करें तो यह अरबों डॉलर का कारोबार है जिसमें साल 2020 तक इंडियन एक्सपोर्ट मार्केट 22 ट्रिलीयन रुपए का था और फाइनेंशियल ईयर 2020 से 2021 में इंडियन इंपोर्ट मार्केट 388 बिलियन डॉलर का था.
हालांकि बीच में कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से एक्सपोर्ट इंपोर्ट बिजनेस पर बुरा असर पड़ा था. लेकिन फिर दोबारा से चीजें बेहतर होने लगी है. भारत में एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का बिजनेस काफी प्रॉफिटेबल है, लेकिन यह बहुत सारे कारकों पर निर्भर करता है.
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी चीजें
अगर आपने आयात निर्यात बिजनेस शुरु करने का विचार बना लिया है तो आपको उससे पहले निम्न चीजें तैयार कर लेनी चाहिए.
- बिजनेस का रजिस्ट्रेशन: कंपनी बनाने के जैसे ही एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस के लिए भी ट्रेडमार्क यानी नाम लेना पड़ता है ताकि मार्किट में आपकी अलग पहचान बने. अपना ब्रांड बनाने के लिए आपको कंपनीज एक्ट 2013 में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
- बिजनेस पैन कार्ड: आपको अपने इस बिजनेस के नाम का पैन कार्ड बनाना होगा.
- करंट अकाउंट: पैन कार्ड मिल जाने पर आपको एक करंट अकाउंट खुलवाना पड़ेगा जिससे आपके सभी फाइनैंशल ट्रांजैक्शन होंगे.
- कंपनी रजिस्ट्रेशन: इसके लिए आप सोल प्रोप्राइटर, पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या फिर पब्लिक लिमिटेड कंपनी में से किसी में भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
- IC Code बनाना: इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड जिसके लिए आपको गवर्नमेंट आफ इंडिया, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड एक्यूरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की वेबसाइट पर अप्लाई करना पड़ता है. आई सी कोड नंबर पाने के लिए एप्लीकेशन फीस के तौर पर सिर्फ दो सौ पचास रुपए लगते हैं.
- ऑफिस: एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस करने के लिए आपको ऑफिस तो लेना ही पड़ेगा, जहां पर सभी जरूरी चीजें रखनी पड़ेगी जैसे टेलीफोन, फोटो कॉपी और फैक्स मशीन.
- कर्मचारी: इस बिजनेस के लिए चार से पांच लोगों का स्टाफ होना चाहिए जो आपके जरूरी डॉक्यूमेंटेशन वाले काम पूरे करेंगे.
- पासपोर्ट: आपके पास पासपोर्ट होना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आप जिस भी देश से अपना काम कर रहे हैं वहां आने-जाने के लिए मीटिंग के लिए हमेशा तैयार रहें.
- प्रॉडक्ट का चयन: एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का बिजनेस शुरू आपके लिए आपको सही प्रोडक्ट का चयन करना होगा क्योंकि आपको पैसा कमाना है इसलिए आप जिस प्रॉडक्ट का चयन कर रहे है उसमें प्रॉफिट कितना है इन सब बातों की रिसर्च करना आवश्यक है.
- फंड की व्यवस्था: इस बिजनेस को शुरू करने के लिऐ आपको पैसों की आवश्यकता होगी, आप खुद इनवेस्ट करेंगे या अपने लाइसेंस के जरिए इन्वेस्टर अरेंज करेंगे यह पूरी तरीके से आप पर निर्भर करेगा. इस बिजनेस में निवेश की बात करें तो ये लाखों से शुरू होकर करोड़ों रुपए तक जा सकता है.
भारत से एक्सपोर्ट करने के बड़ीया प्रॉडक्ट
अगर आप भारत से एक्सपोर्ट का बिजनेस शुरु करना चाहते है तो आपको सबसे पहले एक ऐसा प्रॉडक्ट चुनना होगा, जो आपको आसानी से उपलब्ध हो और एक्सपोर्ट करने पर अच्छा मुनाफा भी मिलता हो.
प्रॉडक्ट की उपलब्धता, प्रॉफिटेबिलीटी और बाकी सभी बातों पर गहन अध्ययन करने के बाद अगर आप इस बिजनेस में उतरते है तो आपको अच्छे लाभ होने की संभावना बढ जाती है. भारत से एक्सपोर्ट करने वाले कुछ बड़ीया प्रॉडक्ट इस प्रकार है:
कीमती पत्थर और ज्वेलरी
एक्सपोर्ट बिजनेस के लिए कीमती पत्थर, जेम्स और ज्वेलरी एक बहुत बड़ा मार्केट है और इसका एक्सपोर्ट भी बहुत होता है. चाइना, यूरोप और अमेरिका में इनकी बहुत डिमांड है. दुनिया भर में एस्ट्रोलॉजी का कल्चर बढ़ने के चलते यहां से पिछले साल 26 बिलियन डॉलर के ये पत्थर और ज्वेलरी एक्सपोर्ट हए है.
पेट्रोलियम उत्पाद
भारत में बनी पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स कि बाहर के देशों में बहुत मांग है नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और दूसरे विकासशील देशों में एलपीजी, मोटर स्पिरिट, नेफ्थलिन, एविएशन टर्बाइन फ्यूल जैसी काफी सारी चीजें एक्सपोर्ट होती है.
दाल और अनाज
भारत के दाल-चावल, बूटा राजमा, चना, गेहूं जैसे ढेर सारे अनाज की साउथ एशिया के साथ-साथ इराक, सऊदी अरेबिया, इरान और तुर्की जैसे मिडिल ईस्ट के देशों में खूब मांग है ऐसे में ये भी आपके एक्सपोर्ट बिजनेस के लिए फायदेमंद हो सकते है.
मेडिसिन एंड ड्रग्स
भारत दुनिया भर में ड्रग्स का बहुत बड़ा सप्लायर है और इसके अलावा भी हमारे यहां से होम्योपैथी और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट को विदेशों में खूब सपोर्ट किया जाता है.
डेयरी उत्पाद
भारत दुनिया भर में पांचवां सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और यहां के डेयरी प्रोडक्ट जैसे घी, बटर, पनीर और प्रोसेस्ड मिल्क की बहुत ज्यादा डिमांड है. इनके अलावा भी लेदर प्रोडक्ट्स मीट प्रोडक्ट स्टाइल और हैंडीक्राफ्ट में भी एक्सपोर्ट बीच का बड़ा बाज़ार है
भारत में इंपोर्ट के लिए फायदेमंद उत्पाद
भारत में अगर इंपोर्ट की बात करें तो गोल्ड, पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स, टेलिकॉम इंस्ट्रूमेंट्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, इंडस्ट्रियल मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का बहुत बड़ा मार्केट है. इसलिए अगर भारत में इंपोर्ट का बिजनेस करना चाहते है तो इन उत्पादों पर नजर रख सकते है.
सारांश
आयात निर्यात बिजनेस में आपको किसी भी अवैध गतिविधि से दूर रहने में ही भलाई है. क्योंकि अखबारों में अकसर देखने और पढ़ने को मिलता है कि एक्सपोर्ट इंपोर्ट ड्यूटी के बहाने इलीगल चीजें गाड़ियों में या कार्गो शिप के जरिए भेजते हुए कस्टम में पकड़ी जाती है.
ऐसे में आपको ध्यान रखना होगा कि आप सभी लोगों से व्यापार करें और अपने अंदर भी सही लोगों को काम पर रखें. वरना ऐसी किसी भी एक्टिविटी में आपका माल सीज हो सकता है, लाइसेंस कैंसिल हो सकता है और लाइसेंस होल्डर को जेल तक हो सकती है.
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