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    आईपीओ विश्लेषण करने के 5 टिप्स | अच्छे आईपीओ को कैसे पहचानें

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    5 tips to analyze IPO

    फिलहाल शेयर मार्केट में आईपीओ की बाढ सी आ चुकी है, रोजाना कोई ना कोई कंपनी अपना आईपीओ लॉन्च कर रही है और बाजार से पैसे जुटा रही है। कई बार निवेशकों को इससे अच्छा मुनाफा भी हो जाता है। तो ऐसे में हम सभी चाहते हैं कि हमें भी आईपीओ का अलॉटमेंट मिल जाए और अच्छे रिटर्न मिल जाए।

    तो क्या हमें हर आईपीओ में निवेश करना चाहिए या बिना सोचे समझे और बिना रिसर्च किए किसी भी आईपीओ में पैसा लगा देना चाहिए? तो इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको आईपीओ विश्लेषण करने के 5 टिप्स बताने वाले है जिन्हें अगर आप किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले लागू करते है तो आपको वहां से अच्छे रिटर्न मिल सकते है साथ ही आप नुकसान से भी बच पाएंगे।

    अगर आप इस लेख में बताए सभी टिप्स या स्टेप्स को सही से फॉलो करते है तो आप उस आईपीओ वाली कंपनी की सारी जानकारी ले सकते है जैसे – कंपनी का फाइनेंसियल, बैकग्राउंड, मुनाफा या लाभ आदी, और अंतिम स्टेप तक आपको समझ आ जाएगा की निवेश करना है या नहीं।

    आईपीओ क्या होता है?

    वैसे आईपीओ (IPO) का फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offerring) होता है, यानी की कोई कंपनी जो एक प्राइवेट इकाई है वो पब्लिक से फंड जुटाने के लिए आईपीओ पैपर्स फाइल करती है। साधारतयाः किसी भी कंपनी के आईपीओ लाने का मकसद फंड जुटाकर बिजनेस को बढाना होता है या अपना कर्ज उतारने होते है।

    जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर को शेयर बाजार में लिस्ट करके पब्लिक से पैसा जुटाती है तो वह आईपीओ कहलाता है जिसके बाद वह पब्लिक कंपनी बन जाती है। फिर कोई भी निवेशक स्टॉक एक्सचेंज की मदद से उस कंपनी के शेयर को खरीद या बेच सकता है।

    आईपीओ विश्लेषण करने के 5 टिप्स

    अगर आपको अपने दोस्तों या सोशल मिडीया से किसी कंपनी के आईपीओ के बारे में पता चला है और आपने उसमें निवेश करने का मन बना लिया है, तो उससे पहले आपको निम्न स्टेप्स फॉलो करके उस कंपनी के बारे में सारी बातें पता कर लेनी है उसके बाद ही निवेश करना है।

    1. Draft Red Herring Prospectus को पढना

    Draft Red Herring Prospectus एक डॉक्युमेंट होता है जो कंपनी सेबी के साथ आईपीओ अप्रुवल के लिए फाइल करती है। इस डॉक्युमेंट में कंपनी की भविष्य की रणनीति, फंड जुटाने की वजह, भविष्य के प्रॉजेक्ट आदी की जानकारी मिल जाती है।

    इस DRHP पैपर्स में आप कंपनी के काम के बारे में भी जानकारी ले सकते है, साथ ही यहां आपको सबसे जरुरी कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति का भी पता चल जाता है। जिसमें आप बैलेंस शीट, लाभ और हानि और केश फ्लो स्टेटमेंट चैक कर सकते है जो अगर ठिक पाई जाती है तो आप उस आईपीओ में निवेश कर सकते है।

    2. कंपनी मैनेजमेंट की जानकारी लेना

    किसी भी कंपनी का मालिक या मैनेजमेंट टीम उसकी रिढ की हड्डी के समान होती है, अगर किसी कंपनी को मैनेज करने वाले लोग सही है उन पर भूतकाल में किसी प्रकार के फ्रॉड का इलजाम नहीं है या उनका अनुभव बेहतर है तो वो कंपनी भविष्य में अच्छा कर सकती है।

    जैसे हाल ही में रतन टाटा की कंपनी टाटा टेक का आईपीओ आया था जो 122 गुना तक सब्सक्राइब हो गया था यानी की निवेशकों को कंपनी के मैनेजमेंट पर भरोसा था की भविष्य में यह कंपनी अच्छा कर सकती है। और साथ ही कंपनी के आईपीओ लाने के पीछे भी कोई गलत मकसद नहीं है।

    3. कंपनी के रिस्क फैक्टर जानें

    अगर आईपीओ लाने वाली कंपनी पर कोई केस चल रहा है या किसी लीगल समस्या में फंसी हुई है तो उसमें निवेश करने से बचना चाहिए। क्योंकी किसी भी कंपनी के लिए लीगल प्रॉब्ल्म एक बहुत बड़ा रेड फ्लैग होता है।

    ये सिर्फ कंपनी के मैनेजमेंट पर ही नहीं बल्की उसके फाइनेंसियल इतिहास के बारे में भी भ्रमित करता है। ऐसे में अगर किसी कंपनी की आर्थक स्थिति सही भी है लेकीन अगर उस पर कोई लीगल केस चल रहा है तो वो उस कंपनी के भविष्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए ऐसी कंपनियों के आईपीओ में निवेश करने से हमेशा बचना चाहिए।

    4. आईपीऔ की पूरी डिटैल देखें

    अगर आप आईपीओ में अप्लाई करने जा रहे है तो आपको आईपीओ डिटैल जानना जरुरी है, जैसे – फ्रेश इशू कितना है, ऑफर फॉर सेल कितना है, इशू साइज क्या है, कंपनी कितने शेयर बेच रही है, कितना फंड जुटा रही है और उस फंड को कहां इस्तेमाल करेगी आदी।

    किसी भी कंपनी के आईपीओ की इन सभी जानकारी को आप इस वेबसाइट  https://www.chittorgarh.com/ipo से चैक कर सकते है। वहां अगर कोई कंपनी ऑफर फॉर सेल के तहत आईपीओ लाती है तो उसे अच्छा माना जाता है, जबकी फ्रेश इशू अधिक है तो उस आईपीओ में निवेश करने से बचना चाहिए।

    5. Gray Market Premium (GMP) चैक करें

    अगर कोई आईपीओ उपर बताए गए सभी स्टेप्स को पास कर लेता है तो अब आपको उसका ग्रे मार्केट प्रीमियम की जांच करनी चाहिए। इससे हमें पहले ही पता चल जाता है की उस आईपीओ के लिस्टिंग के बाद कैसे रुझान रह सकते है। हालांकी सिर्फ ग्रे मार्केट प्रीमियम देखकर आपको उस आईपीओ निवेश नहीं करना चाहिए।

    कई बार कंपनी वाले खुद ग्रे मार्केट प्रीमियम में भी गड़बड़ी करने की कोशिस करते है जिससे निवेशकों को लगता है की कंपनी अच्छी है लेकीन असल में इसका बिलकुल विपरीत होता है।

    Conclusion

    किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले अगर आप इन सभी स्टेप्स को सही से फॉलो करके कंपनी के आईपीओ का अच्छे से विश्लेषण करते है तो आप उससे अच्छा रिटर्न कमा सकते है।

    लेकीन मेरी सलाह यही रहेगी की किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहाकार की राय जरुर लें क्योंकी आईपीओ और स्टॉक मार्केट में जोखिम निहित होता है।

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